Haridwar-Ek Muktidham | Places to visit in Haridwar

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका ट्रैवल टर्न में एक नए ट्रैवल डेस्टिनेशन के साथ |

आज हम बात करेंगे एक ऐसी जगह के बारे में जो टूरिस्म  के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी बहुत खास महत्व रखता है| एक ऐसी जगह जो अपनी खूबसूरती की वजह से बार-बार आने को मजबूर करती है| एक ऐसी जगह जहां महाकुंभ भी लगता है | एक ऐसी जगह जिसे चार धामों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है और एक ऐसी जगह जहां सभी की मन की शांति के लिए कुछ ना कुछ जरूर है |जी हां हम बात कर रहे हैं "हरि की नगरी" हरिद्वार की और जब हम हरिद्वार का जिक्र करते हैं तो इसकी शुरुआत पतित पावनी गंगा मां के साथ ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता |

तो दोस्तों बने रहिए हमारे साथ और भ्रमण कीजिए पावन नगरी हरिद्वार का | हरिद्वार पहुंचने के लिए देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से डायरेक्ट ट्रेन की सुविधा है और बस द्वारा भी यहां पहुंचा जा सकता है |हरिद्वार का निकटतम एयरपोर्ट देहरादून में है | हरिद्वार उत्तराखंड का एक प्रमुख और सबसे प्रचलित शहर है | हरिद्वार से ही उत्तराखंड के चार धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा आरंभ होती है | तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं हरिद्वार के कुछ प्रमुख स्थानों के बारे में :

1. हर की पौड़ी और यहां पर होने वाली गंगा आरती

हर की पौड़ी हरिद्वार का सबसे प्रमुख और सबसे खूबसूरत गंगा घाट है | हिंदू मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन में निकले अमृत की कुछ बूंदें इसी स्थान पर गिरी थी और यहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और इसी कारण से हरिद्वार में महाकुंभ का भी आयोजन होता है | गंगा नदी का शीतल जल और तेज बहाव तन और मन दोनों को प्रफुल्लित करता है | जितने भी पर्यटक हरिद्वार आते हैं वह यहां पर होने वाली गंगा आरती में जरूर शामिल होते हैं| यहां की गंगा आरती पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और शाम को ढलते उजाले में गंगा मां में तैरते दिए और गंगा आरती की मध्यम ध्वनि वातावरण और मन में प्रकाश घोलते हैं |



2. माँ मनसा देवी मंदिर

माँ दुर्गा के शक्तिपीठों में से एक माँ मनसा देवी मंदिर हरिद्वार शहर से 3 किलोमीटर दूर शिवालिक पहाड़ियों पर स्थित है | मंदिर तक रोपवे या उड़न खटोला द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है और पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं को लगभग 1:30 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है | माँ मनसा देवी के इस मंदिर से हरिद्वार शहर और माँ गंगा का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है | माँ मनसा देवी अपने भक्तों की मंशा यानी इच्छा अवश्य पूरी करती हैं |



3. माँ चंडी देवी मंदिर

तीसरे नंबर पर हैं- माँ जगजननी का एक और प्रसिद्ध शक्तिपीठ | नील पर्वत पर स्थित चंडी देवी मंदिर भारत में स्थित प्राचीन मंदिरों में से एक है | हरिद्वार आने वाले समस्त पर्यटकों को माँ चंडी देवी का दर्शन अवश्य करना चाहिए | माँ चंडी देवी मंदिर हरिद्वार से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मंदिर तक रोपवे द्वारा और पैदल मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है | माँ चंडी देवी मंदिर के निकट अंजना देवी का भी मंदिर है जो कि हनुमान जी की माता है |


4. दक्ष महादेव मंदिर

दक्ष महादेव मंदिर हरिद्वार से लगभग 6 से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कनखल में है जिसे भगवान शंकर के ससुराल के तौर पर भी जाना जाता है | दक्षेश्वर महादेव मंदिर परिसर में ही एक छोटा सा कुंड भी है जिसके बारे में यह मान्यता है कि इस कुंड में देवी सती ने अपने जीवन का बलिदान दिया था | हर साल सावन महीने में यहां बहुत भीड़ रहती है पास ही स्थित गंगा घाट शांत और सुरम्य वातावरण की छटा बिखेरता है | 

5. वैष्णो देवी मंदिर

हरिद्वार में वैसे तो मंदिरों की कमी नहीं है और हरिद्वार को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है लेकिन इन सभी में वैष्णो देवी मंदिर सभी से अलग है | अगर आप जम्मू स्थित माता वैष्णो देवी के दर्शन हेतु नहीं जा पाए हैं तो यह मंदिर आपके लिए ही है | इस मंदिर को माता वैष्णो देवी के जम्मू के कटरा स्थित मंदिर के तर्ज पर ही बनाया गया है मंदिर बहुत ही खूबसूरत है | 


6. शांतिकुंज आश्रम

हरिद्वार और ऋषिकेश को साधु संतों एवं आश्रमों का गढ़ माना जाता है लेकिन इन सभी में से हरिद्वार स्थित शांतिकुंज आश्रम अपने आप में अलग है | माँ गायत्री को समर्पित यह आश्रम आपको सेवा भाव का एक अलग ही स्वरूप सिखाता है | आश्रम में स्थित बाग बगीचे, सेवा भाव से चलता भोजन भंडारा, यहां की खूबसूरती एवं आध्यात्मिक स्थल आपको अपने भीतर के शून्य से परिचित होने का अनुभव देती है |


7. माया देवी मंदिर

माता मनसा देवी एवं माता चंडी देवी के साथ ही माया देवी मंदिर भी हरिद्वार में स्थित शक्तिपीठों में से एक है |मान्यता है कि यह देवी सती द्वारा पवित्र किया गया स्थल है | पूरे देश से आए सभी भक्त गंगा में स्नान कर देवी माया का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं | जब भी हरिद्वार आने का मौका मिले तो देवी माया का दर्शन अवश्य करें |

8. सप्त ऋषि आश्रम

हर की पौड़ी से 5 किलोमीटर दूर स्थित यह आश्रम विश्व के सात सबसे प्रमुख साधुओ का ध्यान स्थल माना जाता है | इस आश्रम को ध्यान के लिए आदर्श माना जाता है यहां से गंगा नदी सात धाराओं में बढ़ जाती हैं इसलिए इस स्थान को सप्त सरोवर के नाम से भी जानते हैं |

यह तो थे कुछ मुख्य स्थान हरिद्वार के लेकिन इनके साथ-साथ और भी कई जगह है जहां पर जा सकते हैं जिन में शामिल है कुछ मंदिर नेशनल पार्क, जलकुंड और आश्रम जैसे कि भारत माता मंदिर, पावन धाम मंदिर, भीमगोडा, पतंजलि योगपीठ आश्रम, राजाजी नेशनल पार्क, भूमा निकेतन आदि | हालांकि मैं आपको सलाह दूंगा जब भी आप हरिद्वार आने का प्लान बनाएं तो 2 दिन का अतिरिक्त समय निकालें और ऋषिकेश अवश्य जाएं जो कि हरिद्वार से लगभग 25 किलोमीटर दूर है |

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